अजमेर में दिल दहला देने वाली ठगी, सैकड़ो पुलिसकर्मियों को उनके साथी कांस्टेबल ने लगाया करोड़ों का चूना। जांच में पता लगा है कि पवन ने पुलिसकर्मियों को ठगने के लिए कहीं तरीके अपनाए. किसी को हाईवे प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट का लालच दिया, तो किसी को अनोखी दवा के बिजनेस में मोटा मुनाफा दिलाने का वादा किया, तो किसी को 20% का ब्याज देने का लालच दिया। राजस्थान के अजमेर जिले का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कहीं पुलिसकर्मियों को ठगी का शिकार बनाया गया. और सबसे अनोखी वाली बात ये है कि उन्हें ठगने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उन्हीं का साथी कांस्टेबल व दोस्त निकला. पुलिस लाइन अजमेर में पोस्टेड कांस्टेबल पवन मीणा पर आरोप लगा है कि उसने अपने ही साथी पुलिसकर्मियों को करोड़ों के हाईवे प्रोजेक्ट्स और तगड़ी कमाई के सपने दिखाकर ठगा. पवन मीणा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अगर वो इन प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाएंगे तो उनकी कमाई चौगुनी हो जाएगी. वो कहता था, 'नौकरी की सैलरी से घर चलाना मुश्किल है, कुछ बड़ा करना पड़ेगा. इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब कांस्टेबल दीपक वैष्णव ने 9 अप्रैल 2025 को क्लॉक टॉ...
जेल में अलग-अलग लॉकर्स में बंद, कभी एक दूसरे से मिले भी नहीं लेकिन गर्भवती हुई लड़की जानिए कैसे ?
जेल की अलग-अलग कोठरियों में बंद थे कैदी, कभी एक-दूसरे से मिले नहीं लेकिन लड़की गर्भवती हो गई, कैसे हुआ?
चमत्कारी बच्चा: एक ही जेल की अलग-अलग कोठरियों में बंद दो कैदियों का एक होकर बच्चे को जन्म देना सुरक्षा और निगरानी पर सवाल उठता है
फ्लोरिडा का चमत्कारी बच्चा: सोशल मीडिया पर अक्सर चौंकाने वाली खबरें आती रहती हैं, लेकिन फ्लोरिडा से एक खबर अलग है। यहां दो कैदियों ने एक-दूसरे से बिना मिले ही एक बच्ची को जन्म दिया। यह घटना मियामी-डेड सुधार और पुनर्वास विभाग के Turner Guilford Knight Correctional Center में हुई। मामला तब चर्चा में आया जब 29 वर्षीय डेजी लिंक गर्भवती पाई गई। उसके बच्चे को 'मिरेकल बेबी' कहा जा रहा है। इस घटना ने जेल प्रबंधन को जांच करने पर मजबूर कर दिया।
हत्या के आरोप में जेल में बंद डेज़ी लिंक और 23 वर्षीय जोआन डेपाज़ दोनों को हत्या के आरोप में अलग-अलग सेल में रखा गया था। वे कभी आमने-सामने नहीं मिले। उन्होंने जेल के वेंटिलेशन सिस्टम के ज़रिए बातचीत शुरू की। धीरे-धीरे यह रिश्ता दोस्ती और फिर रोमांटिक बंधन में बदल गया। वे वेंट का इस्तेमाल नोट्स और तस्वीरें शेयर करने के लिए करते थे। लिंक ने बताया कि अकेलेपन की वजह से वे घंटों बात करने लगे और यही उनका एकमात्र सहारा बन गया। वह गर्भवती कैसे हुई? डेपाज़ ने बच्चे की इच्छा जताई और जल्द ही इसे पूरा करना चाहता था। इसके लिए उसने एक अनोखा तरीका निकाला। उसने वेंटिलेशन शाफ्ट के ज़रिए लिंक तक अपना स्पर्म भेजने की योजना बनाई। उसने स्पर्म को सरन रैप में लपेटा और बिस्तर की मदद से लिंक तक भेजा। लिंक ने यीस्ट इंफेक्शन एप्लीकेटर का इस्तेमाल करके इसे अपने अंदर रखा। डेपाज़ ने यह प्रक्रिया दिन में पाँच बार की और एक महीने की लगातार कोशिश के बाद लिंक गर्भवती हो गई।
सवालों के घेरे में जेल प्रबंधन
इस घटना के बाद जेल प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं। एक ही जेल में अलग-अलग सेल में बंद दो कैदियों का इस तरह से आपस में जुड़ना और एक बच्चे को जन्म देना सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े करता है। हालांकि, अब बच्ची की देखभाल लिंक के परिवार द्वारा की जा रही है। यह घटना जितनी अनोखी है, उतनी ही असाधारण भी है और पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है। यह कहानी बताती है कि कैसे इंसान अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अकल्पनीय तरीके अपनाने में सक्षम है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों।
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