अजमेर में दिल दहला देने वाली ठगी, सैकड़ो पुलिसकर्मियों को उनके साथी कांस्टेबल ने लगाया करोड़ों का चूना। जांच में पता लगा है कि पवन ने पुलिसकर्मियों को ठगने के लिए कहीं तरीके अपनाए. किसी को हाईवे प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट का लालच दिया, तो किसी को अनोखी दवा के बिजनेस में मोटा मुनाफा दिलाने का वादा किया, तो किसी को 20% का ब्याज देने का लालच दिया। राजस्थान के अजमेर जिले का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कहीं पुलिसकर्मियों को ठगी का शिकार बनाया गया. और सबसे अनोखी वाली बात ये है कि उन्हें ठगने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उन्हीं का साथी कांस्टेबल व दोस्त निकला. पुलिस लाइन अजमेर में पोस्टेड कांस्टेबल पवन मीणा पर आरोप लगा है कि उसने अपने ही साथी पुलिसकर्मियों को करोड़ों के हाईवे प्रोजेक्ट्स और तगड़ी कमाई के सपने दिखाकर ठगा. पवन मीणा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अगर वो इन प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाएंगे तो उनकी कमाई चौगुनी हो जाएगी. वो कहता था, 'नौकरी की सैलरी से घर चलाना मुश्किल है, कुछ बड़ा करना पड़ेगा. इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब कांस्टेबल दीपक वैष्णव ने 9 अप्रैल 2025 को क्लॉक टॉ...
बीमा क्लेम करने के लिए अपनी जगह एक भिखारी को ट्रक के नीचे कुशल कर मारा
राजस्थान में एक व्यक्ति जिसका नाम नरेंद्र सिंह होता है नरेंद्र सिंह काफी लंबे समय से बैंकों से लोगों से कर्ज लेकर रखा था और कर्ज चुका नहीं पा रहा था फिर नरेंद्र सिंह ने कुछ बिजनेस भी किया मगर बिजनेस चला नहीं ।आखिरकार नरेंद्र सिंह अपना गांव छोड़कर अपने एक करीबी मित्र के पास राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामदेवरा गांव में आया और अपने मित्र के साथ काम करने लगा । धीरे-धीरे नरेंद्र सिंह ने अपनी हकीकत कर्ज वाली बात अपने दोस्त को बताई और बोला कि अब यह कर्ज कैसे चुकाऊ, दोनों ने कुछ दिन और काम किया और फिर एक साजिश रची । नरेंद्र सिंह के जीवन दुर्घटना बीमा था दोनों मित्रों ने प्लान किया कि अगर नरेंद्र सिंह अगर खत्म होता है तो वह बीमा वाले सारे पैसे मिल जाएँगे। मगर नरेंद्र सिंह हकीकत में तो खत्म हो नहीं सकता अगर नरेंद्र सिंह कम होता तो वह पैसे किसी काम के नहीं,
नरेंद्र सिंह ने बताया कि एसा व्यक्ति ढूंढे जिसके आगे पीछे कोई नहीं हो और उन्हें हम खत्म कर देंगे ।
सरकार और पुलिस प्रशासन व बीमा कंपनियों को नरेंद्र सिंह का एक्सीडेंट बता देंगे। वह बीमा भी क्लेम करवा देंगे । दरअसल रामदेवरा एक प्रसिद्ध जगह है वहां एक शूरवीर बाबा रामदेव जी का एक स्थान है और उस स्थान के नाम से रामदेवरा जाना जाता है इस रामदेवरा में एक भिखारी भीख मांगता था नरेंद्र सिंह की नजर उस पर पड़ी और नरेंद्र सिंह ने तीन-चार दिन रेकी करी और नरेंद्र सिंह को यह समझ में आ गया कि यह कहीं नहीं जाता है इसके आगे पीछे कोई नहीं है कोई नहीं आता है ना यह कोई जाता है यहीं सोता है यही खाता है यही मांगता है और फिर नरेंद्र सिंह ने उस भिखारी से दोस्ती कर ली दो-चार दिन बाद में नरेंद्र सिंह ने उस भिखारी को एक नौकरी का लालच दिया और बोला कि गुजरात में एक मेरा दोस्त है वहां पर आपको नौकरी मिल जाएगी मेरे साथ चलो मैं आपको नौकरी दिला देता हूं भिखारी मान गया कि मैं चल दूंगा, नौकरी कर लूंगा फिर नरेंद्र सिंह और अपना दोस्त भिखारी को गुजरात ले जाने का प्लेन सोचने लगे और उसी टाइम उनके दिमाग में आया कि एक उनका दोस्त ईरमान जो राजस्थान से गुजरात ट्रक चलाता है उन दोनों दोस्तों ने इमरान से कांटेक्ट किया और इमरान को सारा प्लान बताया । इमरान यह सुनकर तैयार हो गया। इमरान ने बोल दिया कि ठीक है, ट्रक से भिखारी और दो दोस्त और तीसरा इमरान टोटल चार लोग ट्रक में बैठकर गुजरात की ओर जाने लगे। बीच रास्ते में गाड़ी में उन्होंने दारू पिया पार्टी की और भिखारी को इतना दारू पिलाया कि वह बेहोश हो गया। गुजरात से थोड़ा पहले जब भिखारी को ज्यादा नशा आ गया तो तीनों दोस्तों ने मिलकर भिखारी को ट्रक के आगे रखा और भिखारी के सिर के ऊपर से ट्रक निकाल दिया ताकि चेहरा पहचान में नहीं आए और नरेंद्र का बैग और बैग के अंदर नरेंद्र की आईडी कार्ड रखकर वह तीनों दोस्त भाग गए । पुलिस प्रशासन को खबर मिली कि कोई लाश पड़ी है रोड पर तो पुलिस प्रशासन आया और बैग चेक किया तो बैग में उसकी उसकी आईडी कार्ड मिला । आईडी कार्ड नरेंद्र सिंह नाम से था । पुलिस ने पता करके नरेंद्र सिंह के घर वालों को सूचना दी कि आपका बेटे का हादसा हुआ है हमें यह आईडी मिली है नरेंद्र सिंह के घर वाले वहां पहुंचे और लाश को देखा तो नरेंद्र सिंह के घर वालों ने साफ-साफ मना कर दिया कि यह हमारा बेटा नहीं है और वही पुलिस को शक हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है।पुलिस ने इस मामले को बारीकी से लिया कुछ टीमें बनाई जाँच के लिए। पुलिस इमरान तक पहुंची गई और इमरान से पूछताछ करने लगी काफी देर तक तो इमरान ने मना कर दिया इमरान को पहचानने में, इमरान ने इनकार कर दिया कि मैं नरेंद्र को नहीं जानता, लेकिन पुलिस ने सख्ताई से पूछताछ की तो इमरान ने सारी सच्चाई बता दी और इमरान का दूसरा दोस्त भी पकड़ा गया । फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस की कस्टडी में है । अब तीसरा दोस्त फरार है जिसका नाम नरेंद्र सिंह है l
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