अजमेर में दिल दहला देने वाली ठगी, सैकड़ो पुलिसकर्मियों को उनके साथी कांस्टेबल ने लगाया करोड़ों का चूना। जांच में पता लगा है कि पवन ने पुलिसकर्मियों को ठगने के लिए कहीं तरीके अपनाए. किसी को हाईवे प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट का लालच दिया, तो किसी को अनोखी दवा के बिजनेस में मोटा मुनाफा दिलाने का वादा किया, तो किसी को 20% का ब्याज देने का लालच दिया। राजस्थान के अजमेर जिले का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कहीं पुलिसकर्मियों को ठगी का शिकार बनाया गया. और सबसे अनोखी वाली बात ये है कि उन्हें ठगने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उन्हीं का साथी कांस्टेबल व दोस्त निकला. पुलिस लाइन अजमेर में पोस्टेड कांस्टेबल पवन मीणा पर आरोप लगा है कि उसने अपने ही साथी पुलिसकर्मियों को करोड़ों के हाईवे प्रोजेक्ट्स और तगड़ी कमाई के सपने दिखाकर ठगा. पवन मीणा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अगर वो इन प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाएंगे तो उनकी कमाई चौगुनी हो जाएगी. वो कहता था, 'नौकरी की सैलरी से घर चलाना मुश्किल है, कुछ बड़ा करना पड़ेगा. इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब कांस्टेबल दीपक वैष्णव ने 9 अप्रैल 2025 को क्लॉक टॉ...
पुलिस द्वारा 2 करोड़ की हवेली, 3 लग्जरी बस और एक क्रेटा गाड़ी को सीज करने के 19 घंटे बाद सड़क हादसे में विरधाराम सियोल की मौत हो गई. बुधवार को सियोल की अंतिम यात्रा में लोगों की भारी भीड़ जुटी.
विरधाराम ने कुछ दिनों पहले ही बाड़मेर में दो करोड़ की एक आलीशान कोठी बनवाई थी. जिस समय पुलिस इसे सीज करने पहुंची उस समय घर में पूजा-पाठ हो रही थी.
धवार को विरधाराम सियोल का अंतिम संस्कार बाड़मेर जिले में हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी. अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने विरधाराम को मददगार और हंसमुख बताया. लोगों ने कहा कि कानून की नजर में वो भले तस्कर था, लेकिन लोगों की मदद में हमेशा आगे रहता था. विरधा की ऐसी मौत की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.
कल चर्चा में थे, आज दुनिया में ही नहीं'
राजस्थान के सोशल मीडिया में विरधाराम सियोल सुर्खियों में बने हुए हैं। वजह यह है कि पुलिस कार्रवाई के महज 19 घंटे बाद ही विरधाराम सियोल ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके बारे में लिखा जा रहा है कि -जो कल तक चर्चा में थे, वो आज दुनिया में ही नहीं हैं।' विरधाराम सियोल राजस्थान में बाड़मेर के गांव गालाबेरी (Gala Beri) का रहने वाला था।
तस्कर विरधाराम सियोल ने नशा तस्करी से अर्जित अवैध संपत्ति को वैध दिखाने के लिए पत्नी के नाम से वी.आर. सियोल कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के जरिए वह अवैध कमाई को बिजनेस प्रोफिट के रूप में दिखाता था, ताकि उसका पैसा कानूनी रूप से वैध लग सके।
पुलिस ने छह महीने की लंबी जांच के बाद इस संपत्ति की पहचान की, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से उसका ITR निकाला और आय के स्रोतों की गहन पड़ताल की। जांच में पाया गया कि 5 संपत्तियों का कोई वैध हिसाब नहीं था, जिसके बाद सक्षम प्राधिकारी और प्रशासक, NDPS एक्ट, नई दिल्ली ने संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश दिए।
बता दें कि करोड़ों के मालिक विरधाराम सियोल अपने पीछे पत्नी के अलावा के दो बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता छोड़कर गए हैं। वे इकलौते बेटे थे। बेटी याशिका उनके दिल के बहुत करीब थी, जिसकी एक बानगी विरधाराम सियोल के इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की तस्वीरें हैं। विरधाराम सियोल बाड़मेर के रहने वाले युवा उद्यमी थे, जो श्री गणेश ट्रेवल्स, VR सियोल कंस्ट्रक्शन कंपनी और यशिका इंटरप्राइज के मालिक थे।
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