टी–पॉइंट (T-POINT)
महाकुंभ मेले में चमकी किस्मत, एक दिन में बेच डाली एक लाख कप चाय। शेयर मार्केट में कंपनी उतरने की कर रही तैयारी।
कंपनी का बिज़नेस फ्रेंचाइजी मॉडल का हैं, कोरोना काल में कंपनी को हुआ था नुकसान, अब कंपनी कर रही कम–बैक।
नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश में कुंभ मेले के दौरान चाय पॉइंट को जोरदार सफलता मिली। कंपनी ने अपने लिमिटेड एडिशन स्टोर्स के जरिए एक दिन में एक लाख से ज्यादा कप चाय बिकी। इससे ब्रांड की लोकप्रियता में इजाफा हुआ। चाय पॉइंट फेमस चाय चेन है। यह शेयर बाजार में अपनी जगह बनाने की तैयारी में है। इसके सह-संस्थापक तरुण खन्ना ने बताया। 2009 में मुंबई के कैफे में चाय की पीने के दौरान हार्वर्ड के प्रोफेसर खन्ना और उनके छात्र अमूल्य सिंह बिजराल के दिमाग में यह आइडिया आया था। उनका मकसद लोगों तक अच्छी क्वालिटी की साफ-सुथरी और सस्ती चाय पहुंचाना था।
कंपनी का बिज़नेस फ्रैंचाइजी पर आधारित नहीं, बल्कि कंपनी के स्वामित्व वाला है। कोरोना काल के दौरान कंपनी को काफी घाटा हुआ। लेकिन, अब वह वापसी कर रही है और विकास के रास्ते पर है। 'इंडिया रन्स ऑन चाय' के नारे के साथ चाय पॉइंट सिर्फ एक चाय कंपनी नहीं, बल्कि देश की रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। टेक्नोलॉजी और परंपरा के मेल से कंपनी भारत के चाय अनुभव को नया रूप देना चाहती है।
चाय पॉइंट की कंपनी 2009 में खुली थी। हार्वर्ड के प्रोफेसर तरुण खन्ना और उनके छात्र अमूल्य सिंह बिजराल मुंबई के एक कैफे में चाय पी रहे थे। तभी उन्हें यह विचार आया कि लोगों को अच्छी क्वालिटी की साफ-सुथरी और सस्ती चाय उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने मुंबई में व्यक्ति को देखा जो गंदे माहौल में प्लास्टिक के कप में चाय बेच रहा था। इससे उन्हें एक ऐसे ब्रांड को बनाने का आइडिया आया जो आम लोगों को अच्छी और साफ चाय सस्ते दामों पर दे सके और ऐसे विक्रेताओं के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा कर सके।
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