80 से ज्यादा निवेशकों ने रिजेक्ट किया फिर नहीं मानी हार, आज हैं 6,700 करोड़ की कंपनी के मालिक।
कंपनी का नाम हैं रैपिडो (Rapido)
Founder of rapido : Pawan
रैपिडो के मालिक कंपनी के सह-संस्थापक हैं: अरविंद सांका, पवन गुंटुपल्ली और ऋषिकेश एसआर। उन्होंने 2015 में कंपनी की स्थापना की और रैपिडो भारत के शहरी गतिशीलता क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।
पवन की शुरुआत उन युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो बिजनेस की दुनिया में कुछ हासिल करना चाहते हैं। जिस तरह से पवन ने 80 रिजेक्शन का दर्द झेलने के बाद भी सफलता हासिल की।
Rapido रैपिडो की सफलता की कहानी : यह पवन गुंटुपल्ली की कहानी है, पवन एक आईआईटी स्नातक हैं और जिन्होंने कई बार हार का सामना किया, लेकिन कभी उम्मीद नहीं खोई और खुद पर विश्वास किया और अपनी जिद पर अड़े रहे। पवन के पास एक बिजनेस आइडिया था, जिसे उन्होंने 80 से ज्यादा निवेशकों को सुनाया और उनसे अपने आइडिया पर भरोसा करके निवेश करने को कहा। लेकिन किसी ने भी हां नहीं कहा।
हालांकि, पवन ने कभी हार नहीं मानी और नतीजा यह हुआ कि आज वे बिजनेस की दुनिया में अहम शख्सियत हैं। उनकी कंपनी 'रैपिडो' की कीमत आज 6,700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। पवन का सफर उन युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है जो बिजनेस की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पसंद थी
पवन तेलंगाना के गुंटुपल्ली के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन से ही ट्रेडिंग और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पसंद थी। पवन पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्हें आईआईटी खड़गपुर में सीट मिल गई। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सैमसंग के साथ काम किया। पवन वहां सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टीम में थे। हालांकि, उन्हें हमेशा कुछ और करने की तीव्र इच्छा होती थी। उन्होंने अपने दोस्त अरविंद सांका के साथ मिलकर स्टार्टअप 'द करियर' शुरू किया। असफल हुए और फिर रैपिडो की शुरुआत कीदुर्भाग्य से, कैरियर का व्यवसाय विफल हो गया और दोनों को असफलता से जूझना पड़ा। फिर भी, पवन ने दृढ़ता दिखाई और अपनी असफलता का मूल कारण जानने की कोशिश की। पवन इस नतीजे पर पहुंचे कि कंपनी को लाभ कमाने के लिए, उन्हें खर्च कम करने और ग्राहकों से सीधे संवाद करने की आवश्यकता थी। फिर उन्हें बाइक टैक्सी का विचार आया और वर्ष 2014 में रैपिडो की स्थापना की गई। इस व्यवसाय को शुरू करना भी आसान नहीं था। क्योंकि 80 से अधिक निवेशकों ने निवेश करने से इनकार कर दिया था। लेकिन पवन ने फिर भी कंपनी बनाई। लेकिन यह भी आसान नहीं था, क्योंकि उनके सामने ओला और उबर जैसी कंपनियां थीं, जो पहले से ही बाजार में खुद को स्थापित कर चुकी थीं।
टर्निंग पॉइंट (Turning point)
बाइक टैक्सी सेवा का बेस किराया 15 रुपये रखने की रणनीति का इस्तेमाल करते हुए पवन ने 3 रुपये प्रति किलोमीटर का शुल्क लिया। हालाँकि रैपिडो को शुरुआत में ज़्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन गुंटुपलेम दृढ़ निश्चयी रहे और उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे। 2016 में रैपिडो को हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल से अपना पहला फंडिंग मिला। यह निवेश कंपनी के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और इसने निवेशकों और ग्राहकों दोनों का भरोसा जीता।
रैपिडो ने 100 से ज़्यादा शहरों में अपनी सेवाओं का तेज़ी से विस्तार करते हुए और ज़्यादा फंडिंग जुटाई। कंपनी ने चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराई, जहाँ कार-आधारित सेवाएँ कम सुलभ हैं।
रैपिडो का बाजार मूल्य
ट्रैक्सन के अनुसार, रैपिडो, 700,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं और 50,000 ड्राइवरों वाली कंपनी है, जिसका मूल्य 825 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 6,700 करोड़ रुपये) से अधिक है।
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